एम्प्टी रोड घर में लोग, कोई न निकले, पुलिस डॉक्टर्स को छोड़ एम्प्टी रोड घर में लोग, कोई न निकले, पुलिस डॉक्टर्स को छोड़
चले थे हम साथ -साथ उनके, जाने कब कारवां बदल गया! चले थे हम साथ -साथ उनके, जाने कब कारवां बदल गया!
लेखन का महत्व समझ में आया, अब तक लिखना बदस्तूर जारी। लेखन का महत्व समझ में आया, अब तक लिखना बदस्तूर जारी।
एहसास जब मिटता हैं दिल पत्थर होता है दिल आहे भरता है और कुछ ना समझता है एहसास जब मिटता हैं ... एहसास जब मिटता हैं दिल पत्थर होता है दिल आहे भरता है और कुछ ना समझता है ...